क्या आपको पता है कि दुनिया में क्रिएचर है सब सोशल होते हैं
वैसे ही कुत्ते भी सोशल होते हैं मिलजुल कर रहने वाले जीव तो क्या होता है कि जो कुत्ते झुंड में रहते हैं वह कभी-कभी बिखर जाते हैं अपने झुंड से अलग हो जाते हैं तब वह हाउ हाउ करने लगते हैं और कुछ कम उम्र के कुत्ते रोने लगते हैं और बड़े-बड़े समझदार कुत्ते जो है वह वॉक वॉक एक दूसरे को कम्युनिकेशन मतलब जो आप सुनते हैं रात में वह रेंडम भाव भाव नहीं होता है बल्कि वह ऐसा कम्युनिकेशन होता है जिसका मतलब एक दूसरे को उसके समझते हैं तभी तो कुत्ते एक साथ खेलते हैं एक साथ दौड़ते हैं इस तरह नेचर में सभी पंछी भी एक दूसरे से कम्युनिकेशन करते हैं जो कि आप सुबह-सुबह सुन पाते हो और जो मुर्गियां कू कू करती है सुबह में वह भी एक दूसरे को कम्युनिकेशन करती है
अब आते हैं
मिस्टीरियस साइड अब भी कई पैरानॉर्मल एक्सपर्ट यह मानते हैं कि कुत्ते को 6 सेंस होता है और रात में कुछ पैरानॉर्मन एनर्जी को फील कर पाता है तो अलग-अलग एंटिटीज को फील कर पाता है लेकिन क्या यह बात सच है ,साइंस के हिसाब से नहीं लेकिन इस बात को हजारों साल से कहा जाता आ रहा है आपको पता है कि डॉग को कान होते हैं वह बहुत तेज होते हैं एक इंसान के मुकाबले में कोई चीज हम से 20 फीट दूर है उसका साउंड जो आप सुन पाते हैं कोई कुत्ता उसी इंटरसाइट साउंड को वह 80 फीट से सुन पायेगा और डॉग का स्पेलिंग पावर वह तो इंसान से 10000 गुना पावर अधिक है इसलिए डॉग जो है इंसान के सबसे फ्रेंडली क्रिएचर के साथ-साथ मिस्टीरियस में से एक है
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